Importance of Basic Education
हमारी
बेसिक शिक्षा का महत्व
जब हम हाईस्कूल या इंटरमीडिएट में पढ़ रहे होते हैं तो मन में बस
अच्छे हैं प्राप्त करने की धुन सवार हो होती है और ऐसा हो भी क्यों
ना । हमारे अभिभावक और शिक्षक इसी
बात के लिए तो हमें बार-बार बोलते हैं यहां तक कि हमारे रिश्तेदार और हमारे पड़ोसी भी ऐसी ही सलाह देने के मौके नहीं जाने
देते हैं। अब हमारे आसपास के सभी
लोग हमें एक ही बात बोल रहे होते हैं तो हम भी मानने से पहले अपने मन में तनिक भी प्रश्न नहीं करते हैं। फिर हमारे मन में अच्छे अंक लाने का भूत इतना बड़ा हो जाता है कि इसके आगे हम
सच्चाई को समझने से भी कतराते हैं।
अब चाहे विद्यार्थी हो
या अभिभावक या फिर स्कूल किसी भी
कीमत पर अच्छे अंक लाने या फिर दिलाने के काम में अंधाधुंध लग जाते हैं उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे नैतिक
मूल्य दॅाव पर लगे हैं, या फिर विद्यार्थी को इन
अंको का भविष्य में लाभ हो रहा है कि नहीं। स्कूल को तो अल्पकालिक लाभ अवश्य हो जाता है क्योंकि अगले वर्ष उनके स्कूल में अधिक विद्यार्थी
दाखिला लेते हैं। उन्हें अपनी फीस
बढ़ाने का मौका मिल जाता है। आखिर
उन्होंने लोगों को अच्छे अंक जो दिलवाए है क्योंकि अच्छी शिक्षा पाना तो किसी का लक्ष्य नहीं रहा।
कई राज्यों में तो अच्छे अंक प्राप्त करने या फिर दिलाने का जुनून इस
कदर बढ़ गया है, की परीक्षाओं में
नकल करवाने के इंतजाम करवाए जाते हैं, पेपर लीक किए जाते हैं,
विद्यार्थी उत्तर पुस्तिकाओं में पैसे रखते हैं, फरजी मार्कसीट बनने लगी
हैं। बिना परीक्षा दिए अच्छे अंक
लाने की व्यवस्था के सभी उपाय
उपलब्ध है। कोई भी अगर शिक्षा से
संबंधित कुछ सालों की खबरों में नजर डालेगा तो उसे अवश्य ही ज्ञात हो
जाएगा। आखिर इस तरह की व्यवस्था का
बड़े रूप में विकास क्यों हुआ ऐसा प्रश्न हमारे मन में आता है।
हमारे समाज में लोगों ने इस तरह की शिक्षा व्यवस्था को मान्यता दी, उसकी मांग को बढ़ावा दिया। साथ ही
शिक्षा व्यवसाय में लगे कुछ लोगों ने पैसे के लिए अपनी असल जिम्मेदारी को भूलकर शिक्षा व्यवस्था के पतन को बढ़ावा दिया। जब आम नागरिक ही भूल गया कि शिक्षा का मतलब क्या होता है और उसकी जिम्मेदारी क्या है तो
चंद लोगों को क्यों दोष देना। यह
लोगों और विद्यार्थियों को
निर्धारित करना था कि उन्हें क्या चाहिए। अच्छी शिक्षा के साथ अंक या सिर्फ अच्छे अंक। हमें नहीं भूलना चाहिए
कि सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान है अंक नहीं।
यह तो उन लोगों की बात थी जो पूरी तरह से भ्रष्ट है। परंतु सभी लोग ऐसे नहीं
हैं कुछ लोग विद्यार्थी, अभिभावक और
विद्यालय आज भी शिक्षा के महत्व को
समझते हैं और सही गलत में अंतर समझते हैं। हम सभी लोगों को वास्तविक शिक्षा के महत्व को बाकी लोगों को भी समझाना
चाहिए। जिससे सभी लोग ज्ञान की परवाह के बिना गलत रास्तों से अच्छे अंक प्राप्त करने की मंशा को त्याग दें तथा ऐसा करने वाले विद्यालयों को नकार दें। शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना समाज की जिम्मेदारी है और इससे ही
किसी भी समाज का असली विकास संभव है
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